Saturday, October 2, 2010

कुरान और विज्ञान : दुनिया के सभी सवालों का जवाब .1

प्रस्तुत शोध- पत्र में मुसलमानों के इस विश्वास का वस्तुगत विश्लेषण  पेश किया जा रहा है जो, कुरआन के इल्हामी साधन द्वारा अवतरित होने की प्रमाणिकता को वैज्ञानिक खोज के अलोक में स्थापित करती है .मानव इतिहास में एक युग ऐसा भी था जब चमत्कार या चमत्कारिक वास्तु मानवीय ज्ञान और तर्क से आगे हुआ करता थी . चमत्कार की आम परिभाषा है, ऐसी वस्तु जी साधारणतया मानवीय जीवन के प्रतिकूल हो और जिसका बौद्धिक विश्लेषण  इन्सान के पास न हो .फिर भी किसी वस्तु को करिश्मे के तौर पर मानने  से पहले हमें बहुत बचना पड़ेगा  जैसे १९९३ में  " टाइम्स  ऑफ़ इंडिया " मुंबई में एक खबर प्रकाशित हुई .जिस में " बाबा पाइलट " नमी साधू ने दावा लिया था की वह पानी से भरे टैंक के  अन्दर लगातार तिन दिन और तिन रातों तक पानी में रहा , लेकिन जब रिपोर्टरों ने उस टैंक की सतह का जायजा लेने की कोशिश की तो उन्हें इजाज़त नहीं मिली बाबा ने पत्रकारों को उत्तर दिया किसी को उस मन के गर्भ (womb)  का विश्लेषण करने की आज्ञा कैसे दी जा सकती है जिससे बच्चा जन्म लेता है , साफ ज़ाहिर है की " साधू जी " कुछ न कुछ छुपाना चाह रहे थे और उनका दावा केवल ख्याति प्राप्त करने की एक चाल थी 
यक़ीनन नए दौर कोई भी व्यक्ति जो तर्क सांगत सोच की ओर थोडा भी झुकाव रखता होगा , ऐसे किसी "चमत्कार " को नहीं मानेगा . अगर ऐसे आधारहीन चमत्कार को अल्लाह या इश्वर द्वारा घटित होने का आधार बने तो हमें दुनिया के सरे जादूगरों को खुदा के अस्ल प्रतिनिधि के रूप में स्वीकार करना पड़ेगा
एक ऐसी किताब जिसके अल्लाह द्वारा अवतरित होने का दावा किया जा रहा है, उसी आधार पर एक चमत्कारी जादूगर की दावेदारी भी है तो उसकी पुष्टि (Verification) भी होनी चाहिए
मुसलमानों का विश्वास है कि पवित्र कुरआन अल्लाह द्वारा उतारी हुई है
, और जिसे समस्त मानवजाति के कल्याण के लिए उतरा गया है . आइये हम इस आस्था और विश्वास कि प्रामाणिकता का बौद्धिक विश्लेषण करते हैं  .............. जारी है

No comments:

Post a Comment

www.hamarivani.com
Prayer Times For 6 Million Cities Worldwide
Country: