Tuesday, October 12, 2010

सूरज बुझ जायेगा ?

सूरज का प्रकाश एक रासायनिक क्रिया का मोहताज है जो इसके धरातल पर विगत पांच अरब वर्षों से जारी है . भविष्य में किसी अवसर पर यह  कृत रुक जायेगा और तब सूरज पूर्णतया बुझ जायेगा , जिसके कारण धरती पर जीवन की समाप्ति हो जाये , पवित्र कुरआन सूरज की अस्तित्व की पुष्टि इस प्रकार करता है :
وَٱلشَّمۡسُ تَجۡرِى لِمُسۡتَقَرٍّ۬ لَّهَا‌ۚ ذَٲلِكَ تَقۡدِيرُ ٱلۡعَزِيزِ ٱلۡعَلِيمِ

"और सूरज वह अपने ठिकाने की  तरफ चला जा रहा है, यह ब्रह्मज्ञान के स्रोत ' महाज्ञानी' का बांधा हुआ गणित है " (कुरआन,सुर:३६,आयत ३८) 

 विशेष :  इसी प्रकार की बातें पवित्र कुरआन के सुर: 13-आयत2, सुर:35-आयत 13 , सुर: 39-आयत 5 एवं २21 में भी बताई गयी है . यहाँ अरबी शब्द ' गुरतकिर : ठिकाना '  का प्रयुक्त हुआ है जिसका   अर्थ है पूर्व संस्थापित 'समय' या 'स्थल ' अर्थात  इस आयत में अल्लाह कहता है की सूरज पूर्वत:  निश्चित स्थल की ओर जा रहा है ,ऐसा  पूर्व निश्चित समय के अनुसार ही करेगा , अर्थात यह कि सूरज समाप्त हो जायेगा या बुझ जायेगा .   
साभार:  डा. जाकिर नाइक : कुरआन और विज्ञान 

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