साभार: डा. जाकिर नाइक : कुरआन और विज्ञान
सृष्टि की संरचना : और " बिग बैंग " अंतरिक्ष विज्ञानं के विशेषज्ञों ने सृष्टि की व्याख्या एक ऐसे सूचक ( Phenomenon ) के माध्यम से करते हैं और व्यापक रूप से " बिग बैंग " (big bang ) के रूप में स्वीकार किया जाता है . बिग बैंग के प्रमाण में पिछले कई दशकों की अवधी में शोध एवं प्रयोगों की माध्यम से अन्तरिक्ष विशेषज्ञों की इकठ्ठा की हुई जानकारियां मौजूद हैं . बिग - बैंग दृष्टिकोण के अनुसार प्रारम्भ में यह सम्पूर्ण सृष्टि प्राथमिक रसायन ( Primary Nebula ) के रूप में थी फिर एक महान विस्फोट यानि " बिग बैंग ( Secondry Separation ) हुआ जिस का नतीजा आकाशगंगा के रूप में उभरा . फिर वह आकाशगंगा विभाजित हुआ और उसके टुकड़े सितारों , ग्रहों , सूर्य , चंद्रमा , आदि के अस्तित्व में प्रवर्तित हो गए ब्रहमांड प्रारम्भ में इतना पृथक और अछूता था की संयोग : Chance के आधार पर उसके अस्तित्व में आने की संभावना : Probability ' शून्य थी .
पवित्र कुरान सृष्टि की संरचना के संदर्भ में निम्लिखित आयातों में बताता है
" क्या वह लोग जिन्होंने ( मोहम्मद स. अ .व. की पुष्टि ) से इनकार कर दिया है . ध्यान नहीं करते की यह सब आकाश और धरती परस्पर मिले हुए थे , फिर हमने उन्हें अलग किया "
( कुरान : सुर: २१, आयात ३० )
इस क़ुरआनी वचन और " बिग बैंग " के बिच आश्चर्यजनक समानता से इंकार संभव ही नहीं ! यह कैसे संभव है कि एक किताब जो आज से पहले अरब के रेगिस्तानों में व्यक्त हुई अपने अन्दर ऐसे असाधारण वैज्ञानिक यथार्थ समाये हुए है ?
بہترن جانکاری شکریه
ReplyDeleteQur'aan Shareef me sabhi jankari hai
ReplyDeleteآداب کیا کوئی بتا سکتا ہے کی چیتا گاجت کیو نہیں کھل رہا ہے
ReplyDeletebig boss ji ab khul raha hai pahle server problem tha
ReplyDeleteअच्छा है
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